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अभी कुछ दिन पहले मैं अपने एक दोस्त के साथ मथुरा स्टेशन से लौट रहा था I अभी हम दोनों स्टेशन से निकल कर कुछ आगे बढे ही थे की तभी 7 या 8 वर्ष की एक लड़की अचानक सामने आ गयी ,और उसने जो कुछ और जैसे कहा वह इस प्रकार था…..
भाई तेरे पैर लगूं, तेरी चाँद सी बहुरिया हो , भाई तू लाखों लाख कमाए, भाई तेरी दुल्हन तेरी खूब सेवा करे, तेरी सब बात माने,भाई 10 रुपये दे दो , मेरो छोटो भाई भूखो है,भाई तेरी जा बहन भी भूखी है, भाई बस दस रुपये दे दे ,भाई तेरो सब उपकार करे , भाई तू खूब नाम कमाए, और ऐसा कह-कह कर वो हम दोनों के बार-बार पैर छू रही थी ……………..
ये तो सिर्फ एक वाकया है जो हमारे साथ हुआ , इस तरह वो दिन में स्टेशन से गुजरने वाले लगभग अधिकतर लोगों के साथऐसा ही करती होगी. हमने तो उसे 10 रुपये दे दिए, पर बात यहीं खत्म नहीं होती बल्कि शुरू होती है,की जिन नन्हें हाथों में किताबें होनी चाहिए थी वो हाथ राह चलते लोगों को भावुक कर धन कमाने का काम करते हैं I माता जीजा बाई, रानी लक्ष्मी बाई,रानी चेनम्मा ,और रानी अहिल्या बाई के देश भारत में जननी का बाल स्वरुप यदि ऐसा ही तो यह वाकई शर्मनाक है यहाँ की सत्ता के लिए और साथ ही साथ प्रत्येक नागरिक के लिए भी I
वाकई बहुत शर्मनाक…………………
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